आपने कभी न कभी ड्राइंग थेरिपी का नाम तो सुना ही होगा। आप इतना तो समझते ही होगें कि, इसे डिप्रेशन कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्या ड्राइंग थेरिपी वास्तव में हमारी टेंशन को कम करती है? और क्या हम इसका इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में कर सकते है?
इन सब सवालों का जवाब आज आपको यहाँ पर मिलेगा। सबसे पहले हम समझते हैं कि, ड्राइंग थेरिपी क्या होती है।
ड्राइंग थेरिपी क्या है ?
आजकल के आधुनिक लाइफस्टाइल को हम अपने जीवन में इस कदर उतार चुके हैं कि, न चाहते हुए भी हमें टेंशन के दौर से गुजरना ही पड़ता है।
भले ही कितनी छोटी समस्या क्यों न हो, हम कहीं न कहीं से तनाव में आ ही जाते हैं । हमने फेसबुक पर फोटो शेयर किया था।

अगर लाइक कम मिले टेंशन। कोई हमारा फोन ना उठाये तो टेंशन। इस तरह की छोटी – 2 बातों में टेंशन लेने की आदत हम बना चुके हैं और यही आदत धीरे – 2 डिप्रेशन का रूप ले लेती है।
हमारे स्वास्थ्य सलाहकार और डाक्टर टेंशन दूर करने के लिए कई सारे उपाय बताते हैं। जैसे योगा, मेडिटेशन इत्यादि।
ड्राइंग थेरिपी एक ऐसा तरीका है। जिसमें एक अच्छे वातावरण में ड्राइंग को बनाते हैं। ड्राइंग करते समय हमारा मन एकाग्र होने लगता है और हम अपने टेंशन को दूर कर पाते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस पर काफी शोध किया है और इस बात को माना है कि, ड्राइंग थेरिपी से हम मानसिक तनाव को कम कर सकते है।
ड्राइंग थेरिपी का तरीका –
सबसे पहली बात जो आपको समझनी है कि, इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले आपको ड्राइंग बनाना आता हो, ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।
कोई भी इंसान जिसने पहले कभी भी कोई ड्राइंग न बनायी हो, वो भी इसे आसानी से कर सकता है।
इसको करने के लिए आपको ऐसा वक्त चुनना है।
जब आपको कोई डिस्टर्ब न करे। सबसे पहले आप एक सादा पेपर और पेंसिल लेकर एक एकान्त कमरे में बैठ जायें।
कमरे का तापमान आपके अनुकूल होना चाहिए। अगर संभव हो अपने बिस्तर से अलग ही बैठें। अब आप दो मिनट तक गहरी साँस ले और मन को एकाग्र करने की कोशिश करें।

अब आप सोचें कि, आप बचपन में कौन सी ड्राइंग आसानी से बना लेते थे। जो कुछ भी आपको आसान लगे करिये।
इस बात के कोई मतलब नहीं है कि चित्र कैसा बन रहा है जो भी आपका दिल करे आप बनाते जाइये।
जब ड्राइंग करने की इच्छा खत्म हो जाये बनाना बंद कर दीजिये। इसके बाद जो कुछ भी आपने बनाया है। उसे शान्त दिमाग से एक से दो मिनट तक देखिये और फिर वहाँ से हट जाइये।
आपकी ड्राइंग थेरिपी पूरी हुई। इसको करने में अधिक से आपको 10 से 20 मिनट प्रतिदिन का लगेगा और इसमें किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत भी नहीं लगती है।
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एक बात ध्यान देने वाली है कि, अगर आप थोड़ा सा भी ड्राइंग कर लेते हों और आपके कलर मौजूद हों तो पेंसिल के बजाय कलर का इस्तेमाल करें।
इसकी वजह है कि, रंगो का हमारे मूड पर असर करता है। रंग हमारे तनाव को कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं।
ड्राइंग थेरिपी से लाभ क्यों होता है ?
ड्राइंग थेरिपी असरदार होती है। क्योंकि ड्राइंग बनाते समय हम एक लय में बंध जाते हैं और दिमाग का यह स्वभाव होता है कि, वह लय में बधने के बाद हम अपने दुःख और टेंशन को भूलने लगते हैं।

ड्राइंग थेरिपी असरदार होती है। इसकी दूसरी वजह है कि, ड्राइंग बनाने से हमारी क्रिएटिविटी बढ़ती है और इसका और इसका फयदा ये होता है कि, हम किसी भी समस्या का समाधान निकालने में समझ हो जाते हैं।
इसकी उपयोगिता का तीसरा कारण जो मुझे लगता है। वह है कि, आपके द्वारा बनाई गई एक ड्राइंग आपको एक उपलब्धि का अहसास कराती है।
उपलब्धि कोई भी हो हमें खुशी ही देती है। इस तरीके की बहुत वजह हो सकती हैं, जो साबित करे की ड्राइंग थेरिपी हमारे लिए कारगर साबित होगी।
अन्त में, मैं आपसे ये कहना चाहता हूँ कि, आप चाहें तो इसे थेरिपी समझें या मनोरंजन लेकिन ड्राइंग जरूर करें और इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लें। इससे आपको आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।