सीनरी ड्राइंग से निखारें अपनी आर्ट को – जानें कुछ खास टिप्स

सीनरी ड्राइंग मेरे लिए सबसे मजेदार टॉपिक है। जिसका अन्दाजा आप मेरे यूट्यूब चैनल को देख कर लगा सकते हैं कि, मुझे सीनरी ड्राइंग कितना पसंद है। बचपन से ही मुझे नेचर के दृश्यों को चित्रित करने में रुचि रही है।

वैसे तो मैं इस पर एक किताब लिख रहा हूँ किन्तु आज कुछ बातें आपसे साझा कर रहा हूँ।
इन बातों को जानने के बाद सीनरी बनाना तो आपके लिए आसान हो जायेगा।

इसके साथ ही आप किसी भी दृश्य को देखकर खुद ही चित्रित कर पायेगें।

सीनरी ड्र्राइंग के साथ समस्या –

आप जब भी कोई सीनरी ड्राइंग चित्रित करना शुरू करते हैं तो कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ इसका समाधान भी पेश कर रहा हूँ।

आईडिया –

जो समस्या सबसे पहले आती है। वह है आईडिया की कमी जब भी हम चित्र की शुरुआत करना चाहते हैं तो, समझ में ही नहीं आता है कि, क्या चित्रित करें।

इस समस्या का एक तो समाधान है कि, आप सोशल मीडिया और गूगल का इस्तेमाल करें, इससे आपको नये आईडिया मिल जायेगें।

यह तरीका तत्काल के लिए तो अच्छा है लेकिन भविष्य के लिए नुकसानदायक है।

अगर आप किसी चित्र को देखकर कॉपी करते हैं तो यह शुरुआत में उचित है। जैसे-जैसे समय बीते आप इस आदत को बदलिये।

पहले आप पूरा चित्र कॉपी करते थे लेकिन बाद में कॉपी की गई तस्वीर में अपनी तरफ से कुछ न कुछ नया जोड़ें। अगर आप ऐसा नहीं करेगें तो ड्राइंग के लिए दूसरे का सहारा लेने की आदत बन जायेगी और आपके भीतर क्रिएटिविटी की कमी होगी तथा नये आईडिया आना रूक जायेगा।

आप मेरी बात इस तरीके से समझिये कि, जैसे कोई बच्चा छोटे से बड़ा होता है। वह समय के साथ अपनी आदत में सुधार लाता है।

2 साल का बच्चा अगर कोई भी गलती करे तो वह गलत नहीं होता है। दो साल के बच्चे वाली गलती अगर 15 साल का बच्चा करे तो वह बहुत बड़ी गलती होगी।

सीनरी ड्राइंग

दो साल का बच्चा अपना बिस्तर गीला कर सकता है जबकि 15 साल के बच्चे को ऐसा नहीं करना चाहिए।

इसी प्रकार से जब भी आप ड्राइंग के क्षेत्र में पुराने होते जाये साथ ही साथ अपनी गलतियों को भी सुधारते जाये।

सीनरी ड्राइंग के नये आईडिया दिमाग में लाने का सबसे अच्छा तरीका है कि, आप रियल वर्ल्ड का सहारा लें।
असली आईडिया तभी पैदा होता है जब आप कुछ नेचर (प्रकृति) को देखकर कैनवास पर उतारने की कोशिश करते हैं।

सीनरी ड्राइंग का महत्व –

प्रकृति हमारी माता होती है ऐसा हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोंचा है कि, प्रकृति या नेचर को माँ का दर्जा क्यों दिया गया है।

मैनें इस पर विचार किया तो महसूस हुआ कि, जिस प्रकार से माँ अपने बच्चे को कोख में रखकर उसका पोषण करती है। बच्चे की सभी जरूरतें माँ के शरीर द्व्रारा पूरी होती है। ठीक इसी प्रकार से, जब हम इस दुनिया में आते हैं तो हमारी सभी जरूरतें हमारी प्रकृति ही पूरा करती है।

अधिक सीखें : मानव आकृति ड्राइंग के कुछ अद्भुत तथ्य !

कुछ भी हम उपयोग करें, घर, कार, खाना, मोबाइल आदि। सब प्रकृति से ही आया होता है। भले ही इसका रूप हम कितना बदल दें। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि, हम प्रकृति के कोख में पल रहे हैं।

इसके अलावा हम प्रैक्टिकल बात करें तो सीनरी ड्राइंग हमारे मन को सुकून देती है। जब हम कोई भी दृश्य चित्रित करते हैं तो हमारा मन शांत हो जाता है।

सीनरी ड्राइंग में कलर या पेंसिल ?

सीनरी ड्राइंग बनाते समय आप पेंसिल, कलर अथवा पेस्टल में क्या इस्तेमाल करें, इसका उत्तर पूरी तरीके से आप पर निर्भर करता है।

वैसे तो जो भी सामग्री आपके पास मौजूद हो और आप उसमें सहज महसूस करते हों, उसे आपको इस्तेमाल करना चाहिए।

सीनरी ड्राइंग चित्रित करने का सही तरीका –

जब आप किसी सीनरी को चित्रित करते हैं तो आपको अधिकतर, पेंड, झाड़ी, पानी, पहाड़, सूर्य आदि को ही कैनवास पर उतारना होता है।

जब हम किसी दृश्य को देखकर चित्रित करते हैं तो हमें शुरुआत में कठिन लगता है।
अगर आपको इसे चित्रित करने का सही तरीका पता चल जाये, तो यह आपके लिए बहुत आसान हो जायेगा।

सबसे पहले आपको समझना है कि जितना जटिल दृश्य आप देख उतनी जटिल ड्राइंग बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जो भी सीनरी आप चित्रित कर रहे हों उसकी आउटलाइन अपने पेपर पर उतार लें और उसकी अंदरूनी बारीकी को छोड़ दें।

सीनरी ड्राइंग में आपको थोड़ा सा 3d ड्राइंग का भी अहसास कराना होता है। किसी स्केच या प्रोटरेट से अलग इसमें दूरी और नजदीकी को भी दर्शाना पड़ता है।

अगर आप कसी नजदीकी चीज को पेपर पर दर्शा रहें है तो उसका आकार हमेशा बड़ा रहेगा। और अगर आप दूर की चीजों को दिखा रहे हैं तो उसका आकार छोटा रहेगा।

अब मैं आपको सीनरी में दर्शाये जाने वाले चीजों की ड्राइंग के बारे में हूँ।

पेड़ का चित्र कैसे बनायें –

सीनरी ड्राइंग

पेड़ का चित्र बनाते समय अधिकतर लोगों से एक गलती कि, वे पेड़ को समान्तर बनाते हैं। लेकिन सही तरीका यह हैं कि, आपको पेड़ के जड़ वाला हिस्सा ज्यादा चौड़ा रखना है और जैसे-जैसे पेड़ की ऊँचाई बढ़े पेड़ की चौड़ाई कम करते जायें।

किसी भी पेड़ की दो चार से ज्यादा मुख्य शाखा न बनायें। लेकिन आप अपनी अनुकूलता के हिसाब से मुख्य शाखा में कितनी भी शाखा जोड़ सकते हैं।

पानी की ड्राइंग कैसे बनायें –

वैसे तो पानी का अपना कोई रूप और रंग नहीं होता है। इसलिए इसे चित्र में दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं की मदद लेनी पड़ती है।

सबसे बेहतर तरीका है कि, आप वस्तुओं की परछाई के माध्यम से पानी को दर्शायें। जैसे कि, आप कसी पेड़ की परछाई, पत्थर की परछाई, घास और झाड़ी की परछाई आदि को पानी के साथ दर्शा सकते हैं।

इससे चित्र की सुंदरता बढ़ जाती है।

दूसरा तरीका है कि, आप पेंसिल की मदद से या फिर कलर से हल्की-हल्की धारियों को दर्शा कर पानी को सीनरी ड्राइंग में चित्रित कर सकते हैं।

पत्थर की ड्राइंग कैसे बनायें –

सीनरी ड्राइंग

पत्थर को दर्शाने के लिए आप कोई भी मनचाहा आकार बना सकते हैं। इसमें आकार से ज्यादा महत्वपूर्ण शेडिंग होती है।

आप हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि, पत्थर में नीचे की शेडिंग ज्यादा डार्क रहेगी।

सूरज का चित्र कैसे बनायें –

जब भी आप किसी सीनरी ड्राइंग में, सूरज का चित्र बनाते हैं तो सूरज वाले हिस्से को खाली छोड़ना हैं और उसके चारों तरफ नार्मल शेडिंग देना चाहिए।

सूरज का चित्र आप दो तरीके से बना सकते है। पहला तरीका यह है कि, आप उगते हुए या फिर डूबते हुए सूरज का चित्र बनायें। इस तरीके से बनाने के लिए आपको अर्धवृत्त बनाना है जिसे किसी पहाड़ के पीछे या क्षितिज के साथ दर्शाना है।

दूसरा तरीका यह है कि, आप सूरज की ड्राइंग के लिए पूर्ण वृत्त बनायें जिसके चारों तरफ शेडिंग करें।

Leave a Comment