शेडिंग टेक्निक्स की 5 मूलभूत बातें क्या आपको पता हैं ?

जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तो वह अपने आकार एवं सतह के रफनेस (roughness) के अनुसार प्रकाश के भिन्न-भिन्न शेड पैदा करता है। इस शेड को पेपर पर दर्शाने के लिए हमें शेडिंग टेक्निक्स के बारे ज्ञान होना आवश्यक है।

शेडिंग की कई तकनीक होती हैं, जिसको अलग-अलग कलाकार अपने अनुसार उपयोग में लाता है। किंतु मुख्य रूप से इसको 5 बेसिक तरीकों में विभाजित किया जा सकता है।

आज मैं आपको शेडिंग की कुछ  बेसिक टेक्निक्स सिखाने जा रहा हूं, जिसका अभ्यास आपको रोज करना चाहिए।

हैचिंग शेडिंग टेक्निक्स

hatching techniques
hatching techniques

हैचिंग टेक्निक्स में, किसी डार्क क्षेत्र को दर्शाने के लिए हम कई सीधी रेखाओं को एक साथ बनाते हैं। यह रेखाएं इतनी नजदीक होती हैं, कि डार्कनेस पैदा कर कर देती है। अगर रेखाओं  के बीच की दूरी बढ़ा देते हैं, तो डार्कनेस थोड़ी कम हो जाती है।

कलाकारों के द्वारा अक्सर इस टेक्निक का यूज किया जाता है, हमें भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए। ये टेक्निक बहुत ही सरल होती है।

बस आपको इतना ध्यान रखना है, कि डार्कनेस को बढ़ाने के लिए लाइनों को नजदीक रखना पड़ता है, और डार्कनेस कम करने के लिए लाइनों को दूर करना पड़ता है।

क्रॉस हैचिंग शेडिंग टेक्निक्स –

cross hatching
cross hatching

cross hatching  इसका इस्तेमाल कलाकारों के द्वारा सबसे ज्यादा किया जाता है।

अभी तक आपने हैचिंग करना सीख लिया होगा, इसमें केवल आपको इतना करना है की, हैचिंग के परपेंडिकुलर (perpendicular) एक और हैचिंग करनी होगी। जिससे छोटे-छोटे बॉक्स बनकर उभरेंगे और चित्र की खूबसूरती को बढ़ा देंगे।

इसमें ध्यान देने वाली बात है, कि ये हमेशा सीधी होनी चाहिए। और जहां तक जरूरी हो वहीं पर इसका इस्तेमाल करना चाहिए। बहुत ज्यादा इसका प्रयोग चित्र की खूबसूरती को कम कर सकता है।

जिस प्रकार से हैचिंग में आपने सीखा था ठीक उसी प्रकार से इसमें भी डार्कनेस लाने के लिए लाइनों को क्लोज रखना होगा।

स्टिप्प्लिंग शेडिंग टेक्निक्स –

शेडिंग टेक्निक्स
stippling

Stippling  यह प्रक्रिया बहुत मजेदार होती है, इसमें हम छोटे-छोटे बिंदुओं के द्वारा शेडिंग को दर्शाते हैं। किसी विशेष क्षेत्र में डार्कनेस दिखाने के लिए इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। और कम डार्कनेस के लिए कम बिंदुओं को दर्शाया जाता है।

इसमें ध्यान देने वाली बात है,  कि हम इसमें बहुत से रंगों का उपयोग नहीं कर सकते कई रंगों के मेल से इसकी खूबसूरती में कमी आ सकती है।

स्कंमबलिंग शेडिंग टेक्निक्स –

scumbling techniques
scumbling techniques

इस तकनीक का इस्तेमाल मुख्य रूप से पेंटिंग बनाने के लिए किया जाता है। आयल पेंटिंग और एक्रेलिक पेंटिंग में सूखे brush के द्वारा इसको बखूबी दर्शाया जा सकता है।

पेंसिल से बनाई गई शेडिंग के द्वारा या अच्छी खूबसूरती नहीं दे पाती , क्योंकि इसमें कई रंगों का मेल एक साथ निखर कर सामने आता है । इसका इस्तेमाल पेंट का एक हल्का लेयर ओबीसी के बरस के द्वारा किया जाता है।

काउंटर हैचिंग शेडिंग टेक्निक्स –

contour hatching
contour hatching

अभी तक आपने हैचिंग और क्लास है, जिनको सीखा था उसमें आपने विशेष ध्यान दिया था। कि लाइनें हमेशा सीधे रहती थी, जबकि इस टेक्निक में लाइनों को  चित्र के अनुसार दर्शाते हैं।

यह लाइनें वही आकार ले लेते हैं, जो चित्र का आकार होता  है। इसमें भी डार्कनेस को दिखाने के लिए लाइनों को नजदीक रखना पड़ता है ।

अभी तक आपने कुछ शेडिंग की बेसिक तकनीकी सीखी है। इसका आपको रोज अभ्यास करना चाहिए । और अपने ड्राइंग में इसका उपयोग भी करना चाहिए।

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अब मैं शेडिंग से संबंधित कुछ रोचक तथ्य आपके सामने रख रहा हूं ,

  • किसी गहरे को दर्शाने के लिए आमदार कलर का इस्तेमाल करते हैं । और वह भरे हुए भाग को दर्शाने के लिए हम हल्के कलर का इस्तेमाल करते हैं,
  • बालों  का चित्र बनाने के लिए हमें काउंटर हैचिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • किसी सीनरी में दूर की पत्तियां, झाड़ियां या पेड़- पौधे दिखाने के लिए स्ट्रिपिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए । वॉल पेंट या एक्रेलिक पेंटिंग में स्कोर बनाने के लिए बैकग्राउंड ब्लैक रखते हैं। ब्लैक के ऊपर ग्रीन और ग्रीन के ऊपर  पीले कलर का इस्तेमाल स्ट्रिपिंग तकनीक के साथ करते हैं।
  • स्केचिंग करते हुए, हैचिंग और क्रॉस हैचिंग का इस्तेमाल मुख्य रूप से होता है।
  • शेडिंग तकनीक का इस्तेमाल करके हम 3D इफेक्ट पैदा कर सकते हैं, बस हमें 3D में शेडिंग के अनुपात और एंगल का ध्यान रखना पड़ता है।

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